गुरुवार, 2 अगस्त 2018

व्यभिचार के लिए बना कानून पुरुष और महिला के समानता के अधिकार का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी 497 की वैधता पर सुनवाई करते हुए विवाह की पवित्रता को स्वीकार किया। गुरुवार को सीजेआई दीपक मिश्रा समेत पांच जजों की संविधान बेंच ने कहा कि व्यभिचार से जुड़ा मौजूद कानून शुरुआती तौर पर समानता के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि अगर महिला किसी शादीशुदा आदमी के साथ शारीरिक संबंध बनाती है और यह पति की जानकारी में है तो इसे व्यभिचार नहीं माना जाए। इसके लिए महिला और पुरुष समान रूप के जिम्मेदार हैं।

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