
सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी 497 की वैधता पर सुनवाई करते हुए विवाह की पवित्रता को स्वीकार किया। गुरुवार को सीजेआई दीपक मिश्रा समेत पांच जजों की संविधान बेंच ने कहा कि व्यभिचार से जुड़ा मौजूद कानून शुरुआती तौर पर समानता के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि अगर महिला किसी शादीशुदा आदमी के साथ शारीरिक संबंध बनाती है और यह पति की जानकारी में है तो इसे व्यभिचार नहीं माना जाए। इसके लिए महिला और पुरुष समान रूप के जिम्मेदार हैं।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from दैनिक भास्कर https://ift.tt/2KjMr9Z
लेबल: दैनिक भास्कर
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ