
डिजिलॉकर को मान्यता देते हुए केंद्र ने परिवहन विभागों और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया कि वेरिफिकेशन के लिए असली दस्तावेज न देखे जाएं। आईटी एक्ट 2000 के तहत डिजिलॉकर या एमपरिवहन ऐप पर मौजूद दस्तावेज की ई-कॉपी को वैध माना जाएगा। यह नियम पूरे भारत में लागू होगा। वहीं, ट्रैफिक पुलिस भी अपने मोबाइल में मौजूद दोनों तरह के ऐप से ड्राइवर और वाहन की जानकारी डेटाबेस से मिला सकेगी।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from दैनिक भास्कर https://ift.tt/2McDfZL
लेबल: दैनिक भास्कर
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ