रविवार, 5 अगस्त 2018

शाम तक एमसीडी में करते हैं नौकरी, फिर बस्ती के बच्चों को सिखाते हैं अंग्रेजी, देते हैं नैतिक शिक्षा

शाम के छह बज रहे थे, तभी नंद नगरी में एक घर के सामने एक ऑल्टो कार रुकती है। कार में से एक 43 वर्षीय शख्स उतरते हैं और कमरे में चले जाते हैं। अंदर सात से 15 साल तक के 20 से ज्यादा बच्चे बैठे हैं, जो उन्हीं का इंतजार कर रहे थे। वे सभी का हालचाल जानते हैं और कल दिए होमवर्क पर बात करते हैं। इसके बाद शुरू हो जाती है, आज की पढ़ाई। हम बात कर रहे हैं एमसीडी में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के कर्ताधर्ता डॉ. अजय कुमार की। वे यह क्लास 2012-13 से चला रहे हैं। शुरुआत में उनके पास 60 बच्चे आते थे, लेकिन इन्होंने कई बच्चों का पढ़ाकर स्कूलों में दाखिला करवाया।

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